बेताब आँखों को सनम का दीदार हो जाये
बेचैन सासों में थोड़ा करार हो जाये
छुपा है जो दर्द आंसुओ के बूंदों में
बनकर शब्द होठों से इज़हार हो जाये
है बेपनाह मुहब्बत हमें जिस चाँद से
खुदा करे उन्हें भी हमसे प्यार हो जाये
एक यकीन है जो जाता नहीं दिल से
काश उन्हें भी इस सच पे ऐतबार हो जाये