Saturday 15 February 2014

For Love



World Library Is 
And Our Life That Library Of Books Amenities. 
Love, faith, relationships, being, feeling, ability and all those things that we do in your life or someone 
else From Taking Do These That Book The Pages Do. 
So Ever Pages The Squeeze Tax Or Twist Tax Not Place. 
because People Of Eyesight That Pages On First Some Is Which Folded OccurredOr Complicate Occurred The The. 
more Do To Each Pages The Strong And Beautiful Make Big she Emerald Khudbakhud Logo That  Eyesight In Descends Will.
Tomorrow Riste The Pages The Strong And Beautiful Making Of Day Was. Whose Name You Years From Heart The Pages On Written Sitting Were hope Is You Heart Of Thing Saying The Center.   
If The Acceptance Not All Join Then Some Wrong Not Excuse Otherwise Riste The Emerald Tangled Will.   
Just Expectation Keep Because The The Tomorrow Your The How 
good Will You Not Know. 
 
-  धीरज चौहान 

Tuesday 11 February 2014

वादा 'Promise'

आओ मुझसे एक वादा करो


आओ मुझसे एक वादा करो
समाकर मेरी बाँहों में
सिमट कर यादो के सिलवटों में
यूँ ही हमेशा
जिंदगी की आखिरी मुकाम तक
मेरे साथ रहने का इरादा करो
आओ मुझसे एक वादा करो


पहले ही कई रिश्तों के साथ
नवाज़ चूका है मुझे खुदा ने
जो रिस्ता बना है तुमसे मेरा
इसमें जब भी कमजोर होने लगूं
तुम इसे सैयम से निभाने का हौसला करो
आओ मुझसे एक वादा करो


तुम मेरी हो और मेरी ही रहोगी
ये वचन देता हूँ तुम्हें
शब्द , स्वाभाव और समर्पन ये मूल मंत्र है जीने के
रहो खुश और खुश रखने का इशारा करो
आओ मुझसे एक वादा करो


सुख-दुःख के और भी करवट लेने हैं हमें
न जाने कितने रंग लगेंगे
हमारे आसियाने सजाने में
तुम बिना घबराये बिना सहमें
गीत हमारे प्यार की सुनाया करो
आओ मुझसे एक वादा करो 

- धीरज चौहान 



Monday 10 February 2014

भावना (Poem)

भावना

एक सवाल

जो उलझी है
मन के भीतर
अंतरात्मा की पहलूओं में

जो बंधी है
शायद कभी न खुलने के लिए
दिल कि  गहराइयों में
निःस्वार्थ प्रेम की
बंधनों से

न जेन कैसे आज पन्नो पे
एक शब्द रूप
दे डाला उसे

न जाने कैसे
जुबां की जगह
आज हांथों ने ले ली
सम्बोधित करके
मेरी 'भावना' को
एक सवाल से।

मेरी कमी (Poem)

मेरी कमी 

ये हवाएं आज भी
तेरे रू-ब-रु होकर
मज़ाक करती है कभी
तेरा पल्लू उड़ाकर
ठिक उसी तरह
जब वो झूला करते थे
कभी मेरे चेहरे पे
और तंग करते थे मुझे,

पर आज लम्हों ने
कुछ इस तरह बदला है,
कि वही तुम हो
कि वही हवाएं हैं
कि वही फ़िज़ायें हैं
वही घटायें हैं
बस कमी है तो
उन उड़ते पाल्लुओं के निचे
मेरे चेहरे कि.… 

निशा (Poem)

निशां 

क्यों रुकी रुकी है जिंदगी 
एक हमसफ़र के लिए 
उम्र के उस पायदान पर 
जहाँ से वर्षो पहले 
उनकी कदम मुड़ चुकी थी 
अपने उस आसियाने की ओर 
जहाँ से चले थे वो 
कसमों को न तोड़ने वाली कसम लेकर 
और साथ मेरा हाथ थामकर 
क्यों झुकी झुकी है ये पलके 
कई उम्मीद 
और कई ऐतबार के साथ 
उन वादों के लिए 
जो शायद ही पुरे होंगे … 
क्यों फैली है ये बाहें 
एक इंतज़ार में 
वक़्त के ठहराव पे 
उन नामुमकिन सपनों के साथ 
जिसके मुमकीन की 
ना कोई सार 
ना कोई निशां है। 

Thought

उन्हें भूलना बहुत मुस्किल होता है, 
जिनके साथ आप अपनी पूरी जिंदगी जीने की कल्पना कर बैठतें हैं। 

Saturday 8 February 2014

Happy Valentine's Day



दुनिया एक लाइब्रेरी है ,
और हमारा जीवन उस लाइब्रेरी की किताबे हैं।

प्यार, विश्वास, रिश्ते, नाते, अहसास, काबिलियत और वो सभी कुछ जो हम अपनी जिंदगी में किसी को देते या 
किसी से लेते हैं ये उस किताब के पन्ने हैं।
इसलिए कभी किसी पन्ने को निचोड़ कर या मोड़ कर मत रखिये।
क्योकि लोगों की नज़र उस पन्ने पर पहले जाती है जो मुड़ा हुआ या उलझा हुआ होता है।
जितना हो सके हर पन्ने को मज़बूत और खूबसूरत बनाते जाइये , वो पन्ना खुदबखुद लोगो कि नज़र में उतरता जायेगा।
आज  रिस्ते वाले पन्ने को मज़बूत और खूबसूरत बनाने का दिन है। जिसका नाम आप वर्षों से दिल के पन्ने पर लिखे बैठे थे , उनसे दिल की बात कह दीजिये।  
अगर वो स्वीकार ना करें तो आप कुछ गलत ना कीजियेगा वरना रिस्ते वाला पन्ना उलझ जायेगा।  
बस उम्मीद रखिये क्योकि आने वाला कल आपके लिए कितना अच्छा होगा आप नहीं जानते।
 
-
धीरज चौहान




Wednesday 5 February 2014

Thought

यदि कोई इंसान दोषी नहीं है
फिर भी उसे दोषी होने का अहसास हो  रहा हो
तो उसके अंदर इससे बड़ा बदलाव और कुछ नही। -चौहान