जब पप्पू दस साल का था
पड़ोस वाली आंटी की बेटी
उसे भईया बुलाती थी
तब पप्पू भी भैया-दूज की लड्डू खाकर
उसे बहन मान लिया था
जब पप्पू और उसके दोस्तों के झुण्ड
10-12 साल वाली बचपना में झूमता था
तब वो पड़ोस वाली आंटी की बेटी भी
उसके साथ भाई-बहनो वाली
गठबंधन में बंध जाती थी
यही नहीं
वो बगीचे वाली तालाब मे भी
सब साथ छुआ-छुपी का खेल खेलते थे
घर के बरामदे पर
गुड्डे-गुड़ियों का खेल भी सुहाने होते थे
दूल्हा-दुल्हन का मतलब वो नहीं जानते थे पर
गुड्डे को दूल्हा और गुडिये को दुल्हन बनाते थे
सब के मन साफ थे
आत्मा भी निश्छल गंगा की तरह पवित्र था
पर तब पप्पू दस साल का था
आज पप्पू दुल्हन का मतलब समझने लगा है
पड़ोस वाली आंटी के बेटी को ही दुल्हन मानने लगा है
और वो भी तालाब मे साथ तो नहीं नहाती पर
उसी बगीचे मे छुप-छुप कर मिलने लगी है
अब गुड्डे-गुड़ियों की जगह गुलाब ने ली है
बरामदे की जगह इंटरनेट ने ले ली है
आज पप्पू 25 साल का हो गया है
फेसबुक पर खाश हो गया है
क्योंकि अब पप्पू पास हो गया है..
-धीरज चौहान
-धीरज चौहान