मैं लिखूंगा
तेरे साथ बीते
हर पल को
हर लम्हों को
जिसमें तुम्हारी मौजूदगी थी
मैं लिखूंगा
भले ही मेरा नाम बदलकर
रख दे दुनियां
पागल मुझे
फिर भी
मैं लिखूंगा
हर अहसास को
हर अनुभव को
जिसमे बस तुम्हें
और सिर्फ तुम्हें ही
मैंने महसूस किया
मैं लिखूंगा
तेरे सब्दों को
अपने कलामों में
अपने कहानियों में
अपने ग़ज़ल के
हर पंक्तियों में
मैं लिखूंगा
तेरी तारीफों को
तेरी मसुमिअत को
मैं लिखूंगा ----चौहान '10-03-2006